विभिन्न धर्मों के उपासना-स्थलों के ऊर्जास्तरों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया तो चर्च में क्रॉस के इर्दगिर्द लगभग 10000 बोविस ऊर्जा का पता चला। मस्जिदों में इसका स्तर 11000 बोविस रिकार्ड किया गया है। शिवमंदिर में यह स्तर 16000 बोविस से अधिक प्राप्त हुआ। हिन्दू धर्म के प्रधान चिह्न स्वस्तिक में यह ऊर्जा 10,00000 (दस लाख) बोविस पायी गयी। इससे स्पष्ट है कि भारतीय संस्कृति में इस चिह्न को इतना महत्त्व क्यों दिया गया है और क्यों इसे धार्मिक कर्मकांडों के दौरान, पर्व-त्यौहारों में एवं मुंडन के उपरान्त छोटे बच्चों के मुंडित मस्तक पर, गृह-प्रवेश के दौरान दरवाजों पर और नये वाहनों की पूजा व अर्चना के समय वाहनों पर पवित्र प्रतीक के रूप में अंकित किया जाता है।

Post navigation

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *